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Sat. Jul 12th, 2025

नोएडा फिल्म सिटी में ललन चाय की दुकान चलाते हैं. रोजाना उनकी दुकान पर सैकड़ों लोग चाय पीने के लिए पहुंचते हैं. ऑफिस वर्क के बीच ब्रेक में आज उनकी दुकान पर चाय पीने जा रहे लोगों को कुछ बदला-बदला दिख रहा है. लोग पेमेंट करने के लिए स्कैनर खोज रहे हैं तो उन्हें पेटीएम के साउंडबॉक्स की जगह दूसरा साउंडबॉक्स मिल रहा है. पेमेंट के बाद लोगों को पेटीएम साउंडबॉक्स की पुरानी आवाज की जगह अमिताभ बच्चन की आवाज सुनाई दे रही है.

एक आम इंसान को भले ही यह बदलाव बहुत बड़ा नहीं लगे, लेकिन चारों तरफ से परेशानियों का सामना कर रही फिनटेक कंपनी पेटीएम के लिए यह छोटा बदलाव बड़ी परेशानी का संकेत दे रहा है. पेटीएम के ऊपर आरबीआई के हालिया एक्शन के बाद चर्चाओं का बाजार गर्म है. ललन की चाय दुकान भी पेटीएम के भविष्य पर हो रही चर्चाओं का केंद्र बन जा रहा है. 31 जनवरी को रिजर्व बैंक के एक्शन के बाद तमाम ऐसी खबरें सामने आ रही हैं, जो धारणा को नकारात्मक बना रही हैं. इनके चलते सिर्फ ललन ही नहीं, बल्कि कई दुकानदारों ने पेटीएम से दूरी बना ली है.

अब बात करते हैं पेटीएम की परेशानी की. पेटीएम की पैरेंट कंपनी है वन97 कम्युनिकेशंस, जो वित्तीय सेवाओं से लेकर ई-कॉमर्स तक कई तरह के काम करती है. वित्तीय सेवाओं का काम अनुषंगी पेटीएम पेमेंट्स बैंक के मार्फत होता है. रिजर्व बैंक ने जो हालिया कार्रवाई की है, वह दरअसल सिर्फ पेटीएम पेमेंट्स बैंक के ऊपर है. रिजर्व बैंक ने पेटीएम पेमेंट्स बैंक को नए ग्राहक जोड़ने या कर्ज देने से तत्काल रोक दिया है.

29 फरवरी के बाद वॉलेट, फास्टैग जैसी सेवाएं भी प्रभावित होने वाली हैं. ग्राहक अगले महीने से न तो पेटीएम वॉलेट में पैसे ऐड कर पाएंगे, न ही फास्टैग का रिचार्ज कर पाएंगे. पेटीएम पेमेंट्स बैंक के अकाउंट में पैसे जमा भी नहीं हो पाएंगे. अगर पहले से वॉलेट, फास्टैग या अकाउंट में पैसे पड़े हैं तो उनकी निकासी, ट्रांसफर या इस्तेमाल पर किसी तरह की पाबंदी नहीं है. पेटीएम ऐप की बात करें तो एक सामान्य यूपीआई ऐप की तरह यह भी काम करता रहेगा, क्योंकि ऐप का परिचालन अनुषंगी पेटीएम पेमेंट्स बैंक नहीं, बल्कि सीधे पैरेंट कंपनी वन97 कम्युनिकेशंस करती है

इस बीच पेटीएम के ऊपर अब ईडी की तलवार भी लटक गई है. रॉयटर्स की एक रिपोर्ट में रेवेन्यू सेक्रेटरी संजय मल्होत्रा के हवाले से कहा जा रहा है कि पेटीएम पेमेंट्स बैंक की ईडी से जांच कराई जा सकती है. सेक्रेटरी का कहना है कि अगर फंड को इधर-उधर करने यानी मनी लॉन्ड्रिंग का ताजा मामला मिलता है तो ईडी उसकी जांच करेगी. आरबीआई के एक्शन के बाद यह पेटीएम के लिए नई बड़ी मुसीबत है.

फिनटेक कंपनी की मुसीबतें यहीं पर खत्म नहीं हो रही हैं. पेटीएम को शेयर बाजार में भी मुश्किलें आ रही हैं. तरह-तरह की खबरों के कारण सिर्फ दुकानदार ही नहीं, बल्कि इन्वेस्टर्स भी पेटीएम से दूर भाग रहे हैं. रिजर्व बैंक के एक्शन की खबर 31 जनवरी को बाजार बंद होने के बाद सामने आई. उसके बाद 1 फरवरी और 2 फरवरी दोनों दिन बाजार खुलते ही पेटीएम पर 20-20 फीसदी का लोअर सर्किट लग गया. सिर्फ दो दिन में ही पेटीएम का शेयर 40 पर्सेंट गिरकर 52 सप्ताह के नए निचले स्तर 487.20 रुपये पर आ गया है. यह आईपीओ के अपर प्राइस बैंड 2,150 रुपये से 77.34 फीसदी नीचे है. कंपनी का एमकैप भी कम होकर 30 हजार करोड़ रुपये तक सिमट आया है.

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